चतुर्दिक
विषय पर केंद्रित होने पर स्वयं विषय का स्वरूप बदल जाता है (द्वंद्वात्मक भौतिकवाद में मनन का स्थान ) ; विकल्प का निर्विकल्प में विश्रांति ही तत्व है ; इस प्रकार उत्तरोत्तर विश्रांति के द्वारा अपना स्वरूप स्फुट होता है - यह शेष है ।
बुधवार, 2 अप्रैल 2025
बुधवार, 19 मार्च 2025