शनिवार, 13 अगस्त 2022

सलमान रुश्दी और ‘आधी रात की संतानें’

 (आजादी की 75वीं सालगिरह की पूर्वबेला में )




आज के ‘टेलिग्राफ’ में सलमान रुश्दी की हालत की गंभीरता की खबरों ने काफी विचलित कर दिया है । वे अभी वेंटिलेटर पर हैं, लीवर और नसों को नुकसान पहुँचा है । उनकी आँख को लेकर ज्यादा चिंता बतायी जा रही है । 

 

रुश्दी के उपन्यास ‘आधी रात की संतानें’ (Midnight’s Children) के प्रारंभ की पंक्तियां हैं — “मैं मुंबई शहर में पैदा हुआ था...यह काफी पहले की बात है । नहीं, इतने से नहीं चलेगा । तारीख से बचने का कोई रास्ता नहीं है । मेरी पैदाइश 15 अगस्त 1947 को डा. नार्लिकर के नर्सिंग होम में हुई थी । और वक्त ? वक्त की भी अहमियत है। तो ठीक है, रात को । नहीं, यह जरूरी है कि आप इससे भी ज्यादा...ठीक आधी रात को, बिल्कुल बारह बजे । जैसे ही मैं आया, मेरे स्वागत में घड़ी की हथेलियां अदब के साथ जुड़ गई । अरे, इसका मतलब समझो । इसका मतलब समझो । ठीक जिस पल भारत को आजादी मिली, उसी पल मैं इस दुनिया में आ गिरा ।”


उपन्यास के दीर्घ कथानक में आगे वे कहते हैं — “आधी रात की बहुत सारी सन्तानें हैं; आजादी की सन्ततियाँ महज इन्सान नहीं थीं । हिंसा, भ्रष्टाचार, गरीबी, जनलर, उथल-पुथल, लालच और मिर्चदानियां... मुझे जलावतन होकर सीखना पड़ा कि आधी रात की सन्तानें उससे कहीं ज्यादा बहुरंगी थीं जितने का मैंने—यहाँ तक कि मैंने भी—ख्वाब देखा था ।”(पृष्ठ — 370)


इस उपन्यास की अंतिम पंक्ति है —“आधी रात की संतानों की सहूलियत और उनका श्राप भी है कि वे अपने वक्त के मालिक और शिकार दोनों हों, अपनी निजता छोड़कर बहुलता के भँवर में खींच लिये जायें, और सुकून के साथ जीने या मरने के काबिल न रहें ।”


आजादी की 75वीं सालगिरह पर इस आधी रात की संतान की यह स्थिति ! वह आज जिंदगी और मौत से जूझ रहा है ! हमारे समय का यह अनोखा कथाकार आज लगता है जैसे खुद ही इस काल का एक संपूर्ण रूपक बन गया है । 


हम रुश्दी के जल्द ही स्वस्थ होने की कामना करते हैं । हम अपने वक्त के ऐसे स्याह रूपक को नहीं स्वीकारते । रुश्दी के ही शब्द हैं — ‘जिंदगी वाक्य-विन्यास के कायदों के विपरीत किसी को भी तीन से ज्यादा की गुंजाइश देती है’ । हम आज के भारत को ही उसका मुश्तकिल नहीं मानते ! 


आजादी की 75वीं सालगिरह की पूर्वबेला में सभी मित्रों को आजादी की बधाई देते हुए हम सलमान रुश्दी के स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं ।


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