सोमवार, 13 जून 2016

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कर क्या रही है ?


इलाहाबाद में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। इसमें कौन सी राष्ट्रीय समस्याओं पर चर्चा चल रही है, इसे कोई नहीं जानता। सब लोग सिर्फ एक बात जानते हैं कि मोदी पार्टी को उत्तर प्रदेश की सरकार हासिल करनी है। राजनाथ सिंह कह रहे हैं - बहुत होगया, चौदह साल से ज्यादा का वनवास तो रामजी का भी नहीं हुआ था। अब यह वनवास खत्म होना ही चाहिए!

अर्थात भारत के शासक दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक मात्र चिंता है उत्तर प्रदेश की सत्ता !
हैराल्ड लास्की की एक प्रसिद्ध किताब है - राजनीति का व्याकरण (Grammar of politics)। जनतांत्रिक राजनीति की लगभग एक पाठ्य पुस्तक। इसकी भूमिका में उन्होंने आज के युग में राजसत्ता की परंपरागत अवधारणा में आए संकट के बारे में कहा है कि अब कानून में परिवर्तन की चर्चा किसी क्रांतिकारी उद्देश्य से नहीं, बल्कि आज के मुद्दों के प्रति सजगता के उद्देश्य से की जाती है ताकि हम फिर किसी नये अंधकार युग में न चले जाएँ ।

मोदी शासन में तो राजसत्ता का मामला और भी विचित्र नजर आता है। इसमें राजसत्ता प्राप्त करने का मतलब है शासक दल के पास आडंबरपूर्ण आयोजनों के संसाधनों का अधिक से अधिक इकट्ठा होना, ताकि वह लोगों को भ्रमित करने के भारी इंद्रजालों की लगातार रचना कर सके। इस सरकार की अब तक की वैद्यानिक उपलब्धियां शून्य रही है। सत्ता सिर्फ सत्ता के लिये ! सत्ताधारी दल का यह चरम लापरवाही से भरा रवैया अनायास ही कैसे इस देश को एक नये अंधकार युग की ओर ठेल देगा, इन्हें अनुमान भी नहीं है। वे एक सड़े हुए भ्रष्टतम समाज के अलावा और कुछ भी देने में असमर्थ हैं।

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