चतुर्दिक

विषय पर केंद्रित होने पर स्वयं विषय का स्वरूप बदल जाता है (द्वंद्वात्मक भौतिकवाद में मनन का स्थान ) ; विकल्प का निर्विकल्प में विश्रांति ही तत्व है ; इस प्रकार उत्तरोत्तर विश्रांति के द्वारा अपना स्वरूप स्फुट होता है - यह शेष है ।

मंगलवार, 23 सितंबर 2014

पाब्लो नेरुदा और उनसे जुड़े लोगों की तस्वीरें :



































































































































Posted by Arun Maheshwari at 11:11 pm कोई टिप्पणी नहीं:
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