बुधवार, 26 अक्तूबर 2022

द गुड डाक्टर’ : मन को मोह लेने वाला एक अनूठा टीवी शो

-अरुण माहेश्वरी 



कल (25 अक्तूबर) के ‘टेलिग्राफ’ के टी2 में इस सूचना ने मन को सचमुच गहरी ख़ुशी दी कि ‘द गुड डाक्टर’ टेलीविजन शो के मुख्य अभिनेता फ़्रीडी हाइमोर ( शॉन मर्फी) को गोल्डेन ग्लोब पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए चुना गया है । इस शो के अब तक 100 एपीसोड पूरे हो गए हैं। नेटफ्लिक्स पर चल रहे इस लंबे शो ने सचमुच हमें भी बुरी तरह से बांध रखा है । इसे मिल रही अंतरराष्ट्रीय मान्यता से हमारी पसंद की पुष्टि से हम सचमुच ख़ुश है । 


एक अस्पताल की दुनिया में डाक्टरों और रोगियों के जीवन की अनगिनत कहानियों से तैयार किए गए इस शो का केंद्रीय चरित्र है डाक्टर शॉन मर्फी । वह ऑटिज्म का रोगी है । खुद में बेहद सच्चा, पर अन्य से संवाद के मामले में उतना ही कच्चा । मनुष्य के शरीर के अंग-अंग से गहराई से परिचित, पर अन्य संपूर्ण मनुष्य से उतना ही अपरिचित । वह अंगों की पर्त दर पर्त को पहचानता है, उनकी क्रिया-प्रतिक्रियाओं का सटीक पूर्वानुमान कर पाता है, और इसीलिए रोग के इलाज तरीक़ों के बारे में दृढ़ मत भी रखता है, पर मनुष्य के व्यवहार की परतें उसे कभी समझ में नहीं आती, जबकि चिकित्साशास्त्र में रोगी के प्रति चिकित्सक का व्यवहार भी चिकित्सा के अन्य उपायों से कम महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है । 


डा. मर्फी एक श्रेष्ठ सर्जन के रूप में अस्पताल की पूँजी है, तो अपने सरल और मुँहफट व्यवहार के कारण एक कमजोरी भी । डा. मर्फी को एक अच्छे डाक्टर की नैतिकता का पूरा अहसास है और वह उसके प्रति निष्ठा से ज़रा भी समझौता नहीं कर सकता है । इसीलिए अंततः वही सबकी आँखों का तारा बनता है । इस प्रकार , मर्फी का मनोरोग उसके मानवीय गुणों को प्रभावित करने का विषय नहीं है, बल्कि सारी समस्या खुद को उपस्थापित करने से जुड़ी हुई है । 


मर्फी बचपन से ही ऑटिज्म की बीमारी का शिकार है । उसके सभी साथी डाक्टर इसे जानते हैं । डाक्टर होने के नाते वे इस चरित्र की संरचनात्मक कमजोरी और विशिष्टता, दोनों को अच्छी तरह से जानते हैं। वे जानते हैं कि यह एक प्रमाता के रूप में उसके विकासक्रम में ऐसा व्यतिक्रम है कि जिसमें वह अपने को उस रूप में नहीं पेश कर पाता है, जैसे बाक़ी सामान्य लोग किया करते हैं । जॉक लकान ने ऐसे संदर्भ में विचार का एक बिल्कुल नया नज़रिया पेश किया था, रोगी में दोष के बजाय उसके उपस्थापन का संदर्भ । ऐसे रोगियों के लिए उपस्थापन के क्लिनिक की ज़रूरत होती हैं, न कि उनके दोष की खोज के क्लिनिक की । मनोरोगी के दोष को देखने वाला उसके व्यवहार के पीछे उस दोष को बता कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है, लेकिन जो उसमें है, उसके प्रति उसकी कोई दिलचस्पी नहीं होती है। ‘द गुड डाक्टर ‘ का अस्पताल, डा. मर्फी के संगी डाक्टर संयुक्त रूप में एक आटिज्म के शिकार मनोरोगी के साथ सही व्यवहार का अनूठा उदाहरण पेश कर रहे हैं। 


ऑटिस्ट व्यक्ति अमूमन चुप रहता है, क्योंकि ‘अन्य’ उसके लिए अनुपस्थित हो ज़ाया करता है । वह वार्तालाप में सिर्फ़ मुद्दे की सटीक बात कह कर ख़ामोश हो जाता है । उसके इस प्रकार ज़्यादा न बोलने को भी अन्य लोग उसके अस्वीकार के रूप में ले लिया करते हैं । जॉक लकान ने ऑटिस्ट की संरचना का ज़िक्र करते हुए कहा है कि वह ‘अन्य’ को विभाजित करके, उसे अपूर्ण रूप में देखता है, और इसीलिए अनायास ही अपने व्यवहार से अनेक प्रकार के अस्वाभाविक दृश्य उपस्थित कर देता है। 


डा. मर्फी के चरित्र में ऑटिस्ट मनोरोगी के इस प्रकार के  तमाम लक्षण जैसे प्रकट होते हैं, उनसे यह शो चिकित्सा संबंधी उत्तेजनाओं के कारणों के अलावा और भी बहुत आकर्षक बन जाता है । इस शो में फ़्रीडी हाइमोर सचमुच इस चरित्र को जैसे पूरी तरह से जी रहे दिखाई देते हैं । उनके अभिनय की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है । 


—अरुण माहेश्वरी

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