सोमवार, 13 अप्रैल 2015

इडवर्डो ग्यालियानो नहीं रहे



उरुग्वे के अपने जन्म स्थान मोन्तेविदेओ में कल, 13 अप्रैल को लातिन अमेरिका के लोकप्रिय वामपंथी लेखक, गैर-पेशेवर इतिहासकार, राजनीति, अर्थनीति, साहित्य और कला तथा फुटबाल जैसे तमाम विषयों पर भी पूरी दक्षता के साथ लिखने वाले इडवर्डो ग्यालियानो की मृत्यु होगयी। वे 74 साल के थे और लंबे अर्से से फेफड़े के कैंसर से पीडि़त थे।

सन् 2009 में त्रिनिदाद में हुए ‘समिट आफ अमेरिकाज’ में जब अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से वेनेजुएला के राष्ट्रपति उगो सावेज की मुलाकात हुई थी, सावेज ने ओबामा को ग्यालियानो की ही पुस्तक ‘ओपेन वेन्स आफ लैटिन अमेरिका’ की एक प्रति भेंट की थी। लातिन अमेरिका में स्पैनिश औपनिवेशिक युग और परवर्ती पूंजीवादी युग की लूट के इतिहास की कहानी - बोलीविया के गुलाम खदान मजदूरों की करूण स्थिति, ब्राजील के घने जंगलों की तबाही और वेनेजुएला के तेल के मैदानों में छाये हुए प्रदूषण की इस गाथा ने लातिन अमेरिका में वामपंथ के उदय में एक भूमिका अदा की थी। ग्यालियानो पेशेवर इतिहासकार नहीं थे और न कभी उन्होंने ऐसा कोई दावा ही किया, लेकिन वे इतना जरूर कहते थे कि इतिहास के विषय को अकादमिशियनों ने जिसप्रकार अगुआ कर लिया है, उनसे इसे मुक्त कराने के वे साक्षी जरूर रहे हैं।

‘ओपेन वेन्स आफ लैटिन अमेरिका’ 1971 में प्रकाशित हुई थी। कहा जाता है कि इस पुस्तक की भारी लोकप्रियता के बावजूद परवर्ती दिनों में ग्यालियानो  की यह मान्यता थी कि इसे और भी परिपक्वता के साथ लिखा जाना चाहिए था। लेकिन साम्राज्यवाद-विरोधी अपने वामपंथी विचारों से ग्यालियानो कभी जरा सा भी नहीं डिगे थे।

सन् 1973 में उरुग्वे में सामरिक सरकार कायम हुई। ग्यालियानो को उस सरकार ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हें निर्वासित जीवन जीने के लिये मजबूर किया। 1973 से 1985 तक वे पहले अर्जेन्तिना में, और फिर स्पेन में रहे। सन् ‘85 में सामरिक शासन के अंत के बाद ही वे अपने देश में वापस लौट पाये थे।
‘मेमरी आफ फायर’ शीर्षक उनकी पुस्तकों की त्रयी भी लातिन अमेरिका के पाठकों के बीच खासी लोकप्रिय रही। उनका साफ कहना था कि वे इतिहास के आख्यानों में तटस्थता के लिये कोई जगह नहीं पाते है। वे अपने को परिस्थितियों से दूर और तटस्थ रखने में असमर्थ रहे हैं। उनकी आत्मजीवनी ‘डेज एंड नाइट आफ लव एंड वार’ में 20वीं सदी की उत्तरार्द्ध में पूरे लातिन अमेरिका में हत्याओं, यातनाओं, लोगों के गुम हो जाने की जो त्रासद परिस्थितियां थी, उनका एक बहुत ही जीवंत चित्र देखने को मिलता है।

इडवर्डो ग्यालियानो फुटबाल प्रेमी भी थे। फुटबाल के प्रति एक प्रेमपत्र के रूप में उन्होंने एक पुस्तक लिखी - ‘सॉकर इन सन एंड शैडो’। इसे खेलों पर लिखी गयी एक श्रेष्ठ पुस्तक माना जाता है। पाठको का कहना हैं कि फुटबाल पर लिखने वालों में ग्यालियानो  सचमुच ‘पेले’ थे।

इडवर्डो ग्यालियानो के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हम उनके शोक संतप्त परिवार और लातिन अमेरिका के उनके लाखों प्रिय पाठकों के प्रति अपनी संवेदना प्रेषित करते हैं।
  


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