आज के “टेलिग्राफ” के पहले पन्ने पर न्यूयार्क टाइम्स की न्यूज़ सर्विस की एक लंबी कहानी छपी है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और कम उम्र की लड़कियों के यौन शोषण के कुख्यात अपराधी एपस्टीन के बीच लंबी, पंद्रह साल की गाढ़ी दोस्ती और उनके साझा यौन अपराधों की जघन्य कहानी सुनाई गई है । हम नहीं जानते कि ऐसे यौन-कुंठित राष्ट्रपति से दुनिया के दूसरे नेता, खास तौर पर स्त्री राष्ट्राध्यक्ष कैसे सहज रहा करते होंगे !
एलन फ्यूर और मैथ्यू गोल्डस्टीन की इस कहानी की शुरुआत कुछ इस प्रकार होती है कि दौलत और धूप से तपी औरतों और पाम बीच और मैनहट्टन की हलचलों के बीच डोनाल्ड जे. ट्रंप और जेफ़री एपस्टीन ने लगभग 15 साल एक-दूसरे के गाढ़े मित्रों की तरह जीवन जीया था, जिसे सब जानते थे ।
अपर ईस्ट साइड में एपस्टीन की बदनाम हवेली में मशहूर हस्तियों के साथ शानदार डिनरों में उन्हें देखा जाता तो ट्रंप के निजी क्लब और निवास मार-ए-लागो पर भी चीयरलीडर्स और मॉडलों के साथ पार्टियों में शोर मचाते नज़र आते ।एपस्टीन के निजी जेट से फ़्लोरिडा और न्यू यॉर्क के बीच उनका आना-जाना लगा रहता था ।
यह सब कोरे ग्लैमर को नहीं, ट्रंप के चरित्र और उसके निम्न सोच को प्रदर्शित करता है।
इस कहानी में बताया गया है कि कैसे 2003 में ट्रंप ने एपस्टीन को उसके 50वें जन्मदिन पर एक संदेश भेजा था जिसमें एक नग्न महिला के रेखाचित्र साथ किसी गुप्त रहस्य का संकेत दिया गया था । आज ट्रंप इस संदेश का लेखक होने से इंकार करता है और कहते हैं कि उसने न्यू वॉल स्ट्रीट जर्नल की इसके बारे में रिपोर्ट के लिए उस पर मानहानि का मुक़दमा भी दायर किया है, लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है । व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने ट्रंप ने यह भी दावा किया है कि एपस्टीन को मार-ए-लागो क्लब से उसके गंदे व्यवहार के कारण बाहर निकाल दिया गया था।
उनके शब्दों में, “ये थकी हुई और दयनीय कहानियां हैं, जो ट्रंप प्रशासन की सफलता से ध्यान हटाने की कोशिश हैं।”
बहरहाल, टेलिग्राफ की रिपोर्ट में एक महिला के अनुभव का ज़िक्र है जो मार-ए-लागो में स्पा अटेंडेंट थी । एपस्टीन ने उसे अपने दल में शामिल करके उसका यौन शोषण किया था । एक अन्य महिला ने बताया कि एपस्टीन के कार्यालय में एक बार ट्रंप ने उसे घूरा तो एपस्टीन ने ट्रंप से कहा, “वह तुम्हारे लायक़ नहीं है।” एक और महिला ने आरोप लगाया कि जब एपस्टीन उसे ट्रंप टॉवर में ट्रंप से मिलाने लाया, तो ट्रंप ने उसे दबोचा था ।
इस समाचार कहानी में ही 2004 का ज़िक्र है तब से ट्रंप और एपस्टीन के रास्ते अलग-अलग हो गए । एपस्टीन जेल गया तभी ट्रंप व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल हो गया । उसने उल्टे डैमोक्रैट्स पर ही अपस्ट्रीम गिरोह को शरण देने के आरोप लगाए ।
लेकिन आज फिर से ट्रंप को उसका ही काला अतीत घेरने लगा है। ट्रंप ने ही यह माँग की थी कि न्याय विभाग एपस्टीन के 2019 के केस और उसकी साथी घिसलेन मैक्सवेल (जिसे 20 साल की सज़ा मिली है) के मामले में हुई गवाही की फ़ाइलों को सार्वजनिक करें ।
कहा जा रहा है कि इन दस्तावेज़ों से ट्रंप और एपस्टीन के रिश्ते पर ज़्यादा रोशनी नहीं पड़ेगी क्योंकि इनमें ट्रंप कोई मुख्य आरोपी नहीं है। फिर भी जानकार मानते हैं कि जो चीज़ उन दोनों को जोड़ती है वह है युवा महिलाओं के प्रति उनकी लोलुपता और उन्हें अपने जाल में फॉंसने के लिए की जाने वाली पार्टियां, नाइटक्लबों और निजी क्षेत्रों के आयोजन ।
ट्रंप और एपस्टीन शायद 1990 में मिले थे जब एपस्टीन ने मार-ए-लागो से तीन किलोमीटर की दूरी पर संपत्ति खरीदी और वहाँ के पाम बीच पर संभ्रांतजनों के सामाजिक दायरे में अपनी जगह बनाने लगा। ट्रंप ने मार-ए-लागो पाँच साल पहले ही खरीदा था और अपने आलीशान जीवन और अपनी प्लेबॉय छवि के लिए प्रसिद्ध हो चुका था। ये दोनों ही मैनहट्टन में सफलता पाने वाले न्यू यॉर्कर के सबर्बन थे। दोनों खुद को प्रमोट करने में माहिर और आत्म-मुग्ध व्यक्ति थे। और, सर्वोपरि, दोनों की ख्याति कम उम्र की युवतियों के साथ संबंधों के लिए भी थी।
1992 में, सबसे पहले NBC न्यूज़ कैमरे ने मार-ए-लागो की पार्टी को रिकॉर्ड किया था जिसमें बफ़ेलो बिल्स की चीयरलीडर्स शामिल थीं। उसमें ट्रंप को युवा महिलाओं के बीच नाचते हुए दिखाया गया था । वे अन्य महिलाओं की ओर इशारा कर रहे थे और एपस्टीन के कान में फुसफुसाते हुए, दोनों ठहाका लगा रहे थे ।
उसी साल, ट्रंप ने मार-ए-लागो में एक “कैलेंडर गर्ल” प्रतियोगिता के लिए युवा महिलाओं की एक पार्टी होस्ट की। गवाहों के अनुसार, एपस्टीन एकमात्र व्यक्ति थे जिनका नाम उनकी गेस्ट लिस्ट में दर्ज था।
ट्रंप पर जिल हार्थ नामक स्त्री ने अदालत में यह कहते हुए यौन शोषण का आरोप लगाया कि वह उसे जबरन एक कमरे में खींच कर ले गया और छोड़ा नहीं। हार्थ तब 22 साल की प्रतियोगी थी । यह मामला 1997 में किसी प्रकार सुलझा लिया गया ।”टेलिग्राफ़ “ की इस रिपोर्ट में ट्रंप और एपस्टीन की गंदी करतूतों के ऐसे कई क़िस्से दिये गए हैं।
स्टेसी प्लास्किन ने कहा कि जब उन्होंने ट्रंप से मुलाकात की, तो वह उन्हें गंदी नज़र से देख रहे थे और “ऑक्टोपस” की तरह उनके शरीर को छूने लगे।
इन दोनों के बीच 2004 के अंत में दरार पैदा हुई एक संपत्ति को लेकर। ‘ला मैज़ों दे ल’अमिती’, एक फ्रेंच शैली की हवेली। इस पर दोनों ने बोलियां लगाई और ट्रंप ने 41.35 मिलियन डालर में उसे खरीद लिया। उसके बाद दोनों आपस में कट गए। अभी तो ट्रंप एपस्टीन पर उनकी बेटी को लेकर भी आरोप लगा रहे हैं ।
जुलाई 2019 में अभियोजकों ने न्यू यॉर्क में एपस्टीन पर बच्चों के यौन व्यापार और साज़िश के आरोप लगाए। तब ट्रंप ने तुरंत खुद को यह कहते हुए उससे दूर कर लिया कि “मैं उसे बहुत अच्छी तरह जानता था, जैसे पाम बीच में सभी जानते थे ।वह वहां की सामाजिक दुनिया का हिस्सा था।”
2019 में एपस्टीन की जेल में संदिग्ध हालत में मौत हो गई। उस समय ट्रंप ही अमेरिका के राष्ट्रपति थे। ट्रंप ने इसे ‘हत्याकांड’ माना और सोशल मीडिया पर क्लिंटन को दोषी ठहराने वाला एक वीडियो भी साझा किया।
यह है इस पूरी कहानी का लुब्बेलुबाब ।
आज के टेलिग्राफ़ के ही संपादकीय पृष्ठ पर सेवंती निनन का एक लेख है -Spiral of silence( मौन का फैलता वृत्त) । यह जर्मन समाजशास्त्री एलिज़ाबेथ नोएल-नॉयमैन (Elisabeth Noelle-Neumann) द्वारा प्रतिपादित एक सिद्धांत है, जिसके अनुसार जब किसी व्यक्ति को यह लगता है कि उसकी राय अल्पमत में है, तो वह सार्वजनिक रूप से चुप्पी साध लेता है, जिससे बहुमत की राय और अधिक शक्तिशाली लगने लगतीहै — और इस प्रकार मौन का एक चक्रवात या सर्पिल (spiral) बनता है।
सेवंती ने इसकी चर्चा अमेरिका के संदर्भ में की है और कहा है कि हम भारत में कई सालों से इस परिघटना का अनुभव कर रहे हैं। मेनन लिखते हैं कि अचरज होता है कि अमेरिका अब भारत का अनुसरण करने लगा है !
ट्रंप के उपरोक्त कुत्सित किस्से के संदर्भ में हम कहेंगे कि सिर्फ मौन के विस्तार के मामले में ही नहीं, जल्द ही हम पायेंगे कि नेताओं के चरित्रों के पतन के घिनौने क़िस्सों के मामले भी अमेरिका सूक्ष्म रूप में भारत के नेताओं की गोपनीयता बनाये खने की पद्धतियों का अनुसरण कर रहा है !
—अरुण माहेश्वरी
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