सोमवार, 26 जनवरी 2015

हिटलर के जमाने के व्हि्स्पर जोक्स

हिटलर के जमाने के व्हि्स्पर जोक्स। नाजी सैनिक और जासूस जानते थे, लेकिन मजे की बात है कि इन्हें रोकते नहीं थे, क्योंकि यह उनके वश में नहीं था।
आदमी बुरी से बुरी स्थिति में भी हंसना नहीं भूलता।
हिटलर के यातना शिविर में दो यहूदी कैदियों को गोली मार देने का हुक्म आया। अचानक, आखिरी समय में निर्देश हुआ कि गोली से नहीं, फांसी देकर उन्हें मारा जाएं।
दोनों कैदियों ने हंसते हुए कहा - वाह ! सालो के पास गोलियां खत्म होगयी है।

उन दिनों जर्मनी में मुट्ठी के साथ हाथ लहराते हुए हेल हिटलर कहते हुए सलाम करने का रिवाज था। जो ऐसा न करे, उसे दंड भी भुगतना पड़ सकता था।
एक बार हिटलर अपने सहयोगियों के साथ एक पागलखाने को देखने गया। वहां पर भी सभी पागल ‘हेल हिटलर, हेल हिटलर का शोर करते हुए हिटलर का अभिवादन कर रहे थे। लेकिन उनमें से एक ने ऐसा नहीं किया।
हिटलर ने उससे पूछा, तुम क्यों सलाम नहीं कर रहे हो ?
उसने कहा - सर, मैं यहा नर्स हूं, पागल नहीं हूं।


पूरा जर्मनी जब हिटलर के बूटों तले पिस रहा था, उन्हीं दिनों एक बार :
हिटलर और गोअरिंग बर्लिन के एक ऊंचे टावर पर खड़े पूरे शहर को देख रहे थे।
हिटलर कहता है - गोअरिंग, मैं इस शहर के तमाम नागरिकों को खुशी से भर देना चाहता हूंं। बोलो क्या करूं?
गोअरिंग कहता है - फ्युह्रर, अभी इस टावर से नीचे कूद जाओ।


‘‘प्रश्न -शुद्ध आर्य कौन है ?
उत्तर - वह जो हिटलर जैसा भूरे केश वाला हो, गोअरिंग की तरह छरहरा और गोयेबल्स की तरह लंबा हो।’’
सब जानते हैं न हिटलर भूरे बालो वाला था, न गोअरिंग छरहरा और गोयेबल्स तो नाटा और खोड़ा था। हिटलर के बाल काले थे और गोअरिंग थुलथुल था। नीचे के चित्र में बायें से हैं - हिटलर, गोअरिंग और गोयेबल्स ।


एक जहाज, जिसपर हिटलर, गोअरिंग और गोयेबल्स बैठे हुए थे, अचानक भयंकर समूद्री तूफान में फंस गया।
जहाज के क्रू से लोगों ने कहा, अब तो सब खत्म हो जायेगा।
क्रू के सदस्यों ने कहा - जर्मनी बच जायेगा।


‘‘गोअरिंग अपने दफ्तर में था तभी सेना के एक उत्तेजित अधिकारी ने आकर उसे बताया, पार्लियामेंट में आग लग गयी है। गोरिंग ने फौरन घड़ी देखी और कहा, ‘अरे ! इतनी जल्दी।’
27 फरवरी 1933 के दिन जर्मन पार्लियामेंट राइखस्टाग में भारी आग लगी थी। वह आग किसने लगाई, इसे आज तक कोई नहीं जानता। लेकिन उसका इल्जाम कम्युनिस्टों पर मढ़ने की कोशिश की गयी थी। आम लोग आज भी यही जानते हैं कि खुद नाजियों ने वह आग लगाई थी।






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