बुधवार, 2 सितंबर 2015

शानदार, ज़बर्जस्त, ज़िन्दाबाद !

-सरला माहेश्वरी

टीम इंडिया !
सवा सौ करोड़ की टीम इंडिया !
"शानदार ! जबरजस्त ! ज़िंदाबाद"
हटते नहीं दुखों के पहाड़ !
बरस दर बरस, पीढ़ी दर पीढ़ी !
जीना मरना एक समान !
दशरथ माँझी ज़िंदाबाद !
पहाड़ ! पत्थर के पहाड़ !
देवता पत्थर के ज़िंदाबाद !
बर्बाद जीवन रहा आबाद !
आदाब ! टीम इंडिया आदाब !
भूख ! ग़रीबी ! ज़िंदाबाद !
ज़ुल्म-ओ-शोषण ज़िंदाबाद !
छूआछूत ज़िंदाबाद !
जात-पात ज़िंदाबाद !
धर्म के झगड़े ज़िंदाबाद !
हत्या, आत्महत्या, ज़िंदाबाद !
टीम इंडिया ज़िंदाबाद !
ज़िंदाबाद ! जिंदाबाद !
टीम इंडिया का कप्तान ज़िंदाबाद !
दशरथ माँझी मुर्दाबाद !
छाया से ही दिन बर्बाद !
छूने से जीवन बर्बाद !
हे राम ! हे राम !
टीम इंडिया में नहीं
तुम्हारा कोई काम !
"शानदार ! जबरजस्त ! ज़िंदाबाद !
हिम्मत ही बलवान
कोशिश ही भगवान
पहाड़ खुद जायेगा हार !
दशरथ माँझी ज़िंदाबाद !
"शानदार, जबरजस्त, जिंदाबाद" !

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