शनिवार, 2 नवंबर 2019

अगला हफ़्ता सुप्रीम कोर्ट के नाम होगा

-अरुण माहेश्वरी



सुप्रीम कोर्ट का जज दूध पीता बोधशून्य बच्चा नहीं होता  जिसे अपनी शक्ति का अहसास नहीं होता है। राजनीति के बजाय वह अपनीकुर्सी की नैतिकता से भी बंधा होता है  वह सरकार में थोड़े समय के लिये आए नेताओं का दास नहीं होता है  प्रेमचंद की ‘नमक का दरोगा’ कहानी को कमतर नहीं समझना चाहिए  यह आदमी के अहम् से जुड़ा पहलू है जिसे छोड़ कर वह अपनी पहचान को लुप्त कियाकरता है  

इसीलिये सत्ता के दलाल वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे जब सुप्रीम कोर्ट को सरकार के इशारों पर नाचने वाले कठपुतले की तरह चित्रित कर रहे थेवे कर्नाटक के भ्रष्ट मुख्यमंत्री येदीरप्पा जैसे ही दिखाई दे रहे थे जो अमित शाह को सुप्रीम कोर्ट का भगवान समझते हैं  

सुप्रीम कोर्ट को इस हफ़्ते भारतीय राष्ट्र और प्रशासन के बारे कुछ दूरगामी महत्व के फ़ैसले सुनाने हैं  बाबरी मस्जिद का मामला हैराफ़ेल की ख़रीद की जाँच कावित्त विधेयकों को धन विधेयकों के रूप में पारित कराके राज्य सभा के साथ धोखाधड़ी का और कश्मीरका भी मामला है  

मोदी पहले ही भारत की शक्ल सूरत बिगाड़ चुके हैं  इसके सर के ताज जम्मू और कश्मीर को खंडित कर चुके हैं  राम मंदिर को लेकर वे इसी बिखराव को जनमन में स्थाई करने की फ़िराक़ में हैं  सत्ता पर एकाधिकार और भ्रष्टाचार का चोली दामन का संबंध हुआ करता है  वित्त विधेयक और राफ़ेल की ख़रीद इसी के प्रतीक हैं  कश्मीर का विषय भारत के संघीय ढाँचे और नागरिक अधिकारों के हनन काअर्थात् हमारे संविधान की आत्मा से जुड़ा मुद्दा बन गया है  इसे आतंकवाद से निपटने की क़ानून और व्यवस्था की बात भर नहीं समझा जा सकता है  

मोदी अभी आदतन विदेश यात्रा पर हैं  जब भी भारत में कुछ कठिन बातें होने की होती हैंविदेश चले जाना उनकी फ़ितरत बन चुका है 

नोटबंदीजीएसटी के वार से अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने वाले मोदी अभी आरसीईपी पर हस्ताक्षर करके भारत की अर्थ-व्यवस्था कोपूरी तरह से विदेशियों को सौंप देने का कुकर्म करने की फ़िराक़ में हैं  उन्हें एशियान की बैठक(2-4 नवंबरमें भारत को सुर्ख़ियों में रखनेकी सनक है। सुर्ख़ियों में ही तो उनके प्राण बसते हैं !

बहरहालहमारी नज़र आगामी हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट पर होगी  हरीश साल्वे की बातों में इस सच को ज़रूर नोट किया था कि जजों कीअपनी विचारधारा नाम की भी कोई चीज़ होती है  लेकिन न्याय और सत्य अभी भारत की नियति से जुड़ गये हैं  भारत का खंडित मुकुटभी इसकी गवाही दे रहा है  हमें इसी न्याय और सत्य की  स्वतंत्र भूमिका का इंतज़ार रहेगा  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें