गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

मार्गदर्शकों के लिये जीवन के परम सत्य की उपलब्धि का अर्थात निर्वाण का क्षण


‘कानून अपना काम करेगा’ - यह कथन है के कानून मंत्री कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का। उनसे जब पूछा गया कि क्या भाजपा के मार्गदर्शक आडवाणी-जोशी की रक्षा के लिये पार्टी ने कोई खास रणनीति बनाई है ? उनका साफ जवाब था - ‘कानून अपना काम करेगा’।

अर्थात आडवाणी और जोशी को खुद की रक्षा के लिये अकेला छोड़ दिया गया है।

कल कुछ टीवी चैनलों के उत्साहित रिपोर्टरों ने यह खबर चलाई थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अमित शाह ने आडवाणी से खुद बात की थी, भाजपा नेतृत्व ने उसे गलत बताते हुए तत्काल रुकवा दिया।

‘खुल्लम-खुल्ला’ वाली उमा भारती से भी कह दिया गया है कि अपनी ऐसी सारी बयानबाजियों के लिये वह खुद जिम्मेदार होगी। जो कल तक अयोध्या जाने के लिये आकुल-व्याकुल थी, उन्हें रोक दिया गया है। विनय कटियार या साध्वी ऋतंभरा की तरह के नेताओं का तो मोदी-शाह गुट के लिये वैसे ही दो कौड़ी का दाम नहीं हैं। अब वे ज्यादा से ज्यादा आडवाणी-जोशी के घर पर स्यापा के लिये बैठने वाली दो-चार लोगों की मजलिस के सदस्य भर रह सकते हैं।

जो उमा भारती और ऋतंभरा दावा कर रही थी कि राम मंदिर की बदौलत ही भाजपा सत्ता में आई है, उन्हेें आईना दिखा दिया गया है।

यह भाजपा और आरएसएस के प्रत्येक नेता को मोदी-शाह के द्वारा दी गई खास चेतावनी है। मोदी-शाह के अलावा किसी अन्य के प्रति वहां कोई सहानुभूति नहीं चल सकती है।


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