बुधवार, 21 दिसंबर 2016

मेहषाणा में राहुल की जबर्दस्त सभा का अर्थ

-अरुण माहेश्वरी


आज गुजरात के मेहषाणा में राहुल गांधी के पूरे भाषण को सुना और मेहषाणा की सभा में हुई भीड़ का नजारा देखा।

आज के ही आनंदबाजार पत्रिका में वरिष्ठ पत्रकार जयंत घोषाल का राहुल गांधी पर एक लेख है - ‘वही है विपक्ष का चेहरा, बीजेपी ने भी यह समझ लिया है’।

जो लोग जयंत घोषाल को जानते है, वे इस बात को जानते हैं कि दिल्ली के सत्ता के गलियारों की खबरों के बारे में एक खोजी पत्रकार के रूप में उनकी कुछ अलग हैसियत रही है। संसद के सेंट्रल हॉल की गपशप के बीच से सूत्रों को निकाल कर अक्सर वे ऐसी ही कुछ अलग, लेकिन चटपटी खबरें बनाते रहते हैं, जिन्हें फेंकू बता कर उड़ाया नहीं जा सकता है।

अपने इस लेख की शुरूआत उन्होंने 2014 के चुनाव के वक्त राहुल गांधी से हुई अपनी एक बात के उल्लेख से किया है, जिसे घोषाल के अनुसार उस वक्त राहुल ने उन्हें लिखने से सख्त मना कर दिया था, लेकिन अब आज की परिस्थिति में वे उसे प्रकाशित करने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहे हैं। इसमें, उनके अनुसार, राहुल गांधी ने उन्हें तुगलक रोड के अपने घर में उनसे कहा था कि हल लड़ तो रहे हैं, लेकिन इस बार मोदी को हराना असंभव लगता है। उन्होंने इसकी वजह यह बताई कि दरअसल हम किसी यथार्थ के खिलाफ नहीं लड़ रहे है, हम एक भयंकर होलोग्राम के खिलाफ लड़ रहे हैं। होलोग्राम का मतलब है एक प्रकार की ज्यामितीय माया। सत्य नहीं, परासत्य जो सत्य की तरह का भ्रम पैदा करता है।

राहुल गांधी ने कहा कि अभी वोट के समय, जब मैं अपनी पार्टी के सेनापति की भूमिका में हूं, मेरी इस बात के प्रचार से हमारे लोगों में निराशा फैलेगी, इसीलिये अभी इसे प्रकाशित मत कीजियेगा।

आज मोदी को सत्तासीन हुए अढ़ाई साल बीत गये हैं। जयंत घोषाल लिखते है - आज लगता है जैसे वह hologram अब hollow gram में बदल गया है। शुरू में धीरे-धीरे प्रकृति के नियम के अनुसार उस माया का क्षरण हो रहा था। नोटबंदी के फैसले ने अब तेजी के साथ मोदी-विरोधी राजनीतिक क्षेत्र का तेज गति से विस्तार कर दिया है। और घोषाल के अनुसार, इस क्षेत्र पर अधिकार के जितने भी दावेदार क्यों न हो, राहुल ही आज उस दौड़ में सबसे आगे हैं। इस बात को अब भाजपा के लोग भी अंदर ही अंदर समझने लगे हैं, भले ही वे इसे खुले आम न स्वीकारें।

बहरहाल, आज गुजरात में राहुल की मेहषाणा की सभा जयंत घोषाल के लेख की सचाई का ही बयान कर रही थी। परिस्थितियां ही नेता तैयार करती है, इतिहास का यह नियम फिर एक बार काम करना शुरू कर चुका है। मोदी के दिन खत्म होने को है और उसके विकल्प तैयार होने लगे हैं।

http://www.anandabazar.com/editorial/now-bjp-also-understand-the-rahul-gandhi-is-the-opposition-face-1.535074

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